हर पल एक जदोज़हद जारी है,
हर पल एक कोशिश जारी है,
ज़िंदगी जीने के लिए।
बहुत से सामान जुटाये जाते हैं,
हर पल एक नया सपना,
एक नया अरमान,
आँखों में उतर आता है
ज़िंदगी जीने के लिए....
अंजाना अनचीन्हा अनदेखा,
नवीन पल नवीन स्वपन सा
मुसकुराता हुआ
वक़्त के साथ हाथ पकड़ कर,
एक नया अहसास दे जाता है
ज़िंदगी जीने के लिए........
संजोना है, हमें हर सपने को
सम्हालना है हर अहसास,
होठों पर सजा कर मुस्कान को
इंतज़ार करना है फिर
एक नए पल नए स्वप्न का
नवीन पल के अहसास का
सफर यह जारी रखना है
ज़िंदगी जीने के लिए........
बहुत सुंदर आशावादी दृष्टिकोण।जिंदगी जीने के लिए है।भावपूर्ण और स्वच्छ काव्य की सुंदर रचना। बधाई चारु जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर आशावादी दृष्टिकोण।जिंदगी जीने के लिए है।भावपूर्ण और स्वच्छ काव्य की सुंदर रचना। बधाई चारु जी।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चारु....मैं ख़ुश हूँ कि तुमने फिर से लिखना शुरू किया....ज़िन्दगी जीने की कला वही जानता है जो बिखरे हुए तिनक़ों से घरौंदा सज़ा लेता है
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