Thursday, November 28, 2013

एक ख्वाइश



कुछ कहने सुनने के पल
बहुत कम हैं,
नजरों के इशारे समझा करो

ज़ुबान  हमेशा
हाले दिल बयां
नहीं करती
पलकों की जुंबिश देखा करो

लहराते गेसूओं की खनक
जज़्बा ए दिल
सुनाती है
खामोशी की आवाज सुना करो

चेहरे की मुस्कान
एक धोखा है
कलम की पुकार सुना करो।