मन
कुछ उदासी क्यूँ है
सब
कुछ है ज़िंदगी में
फिर
भी
दिल
में एक प्यास सी क्यूँ है
फूलों
से भरे गुलशन में
कलियों
के चेहरों में
नमी
सी क्यूँ है
इंद्र्धानुषी
रंगो से सजी ज़िंदगी में
कुछ
रंगो की
कमी
क्यूँ है
लाखों
सितारों से सजे आसमान में
एक
चाँद ,
की
कमी क्यूँ है
सोच
में है यह दिल
सब
कुछ पाने के बाद भी
कुछ
और पाने की
ललक
मन में बनी क्यूँ है
सब
कुछ है ज़िंदगी में
फिर
भी
दिल
में एक प्यास सी क्यूँ है