लेखनी से निकले हुए शब्द उन पलों का अहसास है जो वक़्त की समय रेखा पर समय ही लिखवाता है...........
Thursday, March 29, 2012
Tuesday, March 27, 2012
कीमत
हर शै की एक कीमत
होती है
मुस्कान हो या
ज़िंदगी
हर एक को
अपने अपने ढंग
से
उसकी कीमत चुकानी
पड़ती है
छोटी सी हंसी
भी
आंसुओं के सैलाब
को पार करके ही
लबों पर सजाई
जाती है
गमों के सहरा
से गुजर कर ही
एक पल की खुशी
हासिल होती है
ज़िंदगी भर हम
ढूंढते हैं जिस
सुकून के पल को
उस पल की मंजिल
भी
जीवन-क्षितिज
की सीमा होती है
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