Saturday, October 13, 2012

ज़िंदगी का सफर...........




पल पल बदलते अहसासों के साथ जीना आसान नहीं
फिर भी चलना तो है,
पाँव नंगे हो  तो क्या,
धूप में फिर भी
झुलसती सड़क से गुजरना तो है ।

अपनों की, आशाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए
नवजात स्वप्न समय की गर्द में दफना दिये जाते हैं
होठों पर मुस्कान, आवाज में खनक लेकर
साथ चलते हुए कदमों का
हँसते हुए साथ देना तो है।

ज़िंदगी रोज एक नया इम्तिहान देती है,
हर पल एक नया सवाल खड़ा कर देती है,
किसी मोड पर रुकने का तो सवाल ही नहीं,
आगे जाने का भी रास्ता बंद कर देती है,                  
लेकिन,
हँसते हुए,थोड़ा रुकते हुए, नया सफर
शुरू करते हैं,,,,,,
क्यूंकी, चलना तो है ,,,,,,,
हमेशा चलना तो है.........



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