Monday, July 29, 2013

खामोश शब्द



कुछ न कहते हुए,
खामोशी से
हाथ थम लेना,
बहुत कुछ कहता है।

आंखो से बहते अशकों को
अपनी आँखों में
चुपके से समेट लेना।
बहुत कुछ कहता है।

थके हुए कदमों में
अपने कदमों को
मिला देना
बहुत कुछ कहता है।

खामोश निगाहों को
अपने नजारों से
महका देना
बहुत कुछ कहता है।



Sunday, July 14, 2013

बारिश की बूंदों में





बारिश की बूंदों में
एक खास कशिश होती है
हर बूंद एक में एक
नई ज़िंदगी समाई होती है।

बादलों के  आँसू  
काली घटाओं के शबनमी
लड़ियों में पिरोये जाते हैं,
धरती की प्यास फिर
भी अधूरी रहती है।

पतों से लटकते मोती
कलियों में अटक जाते हैं
फूलों के सीने में लेकिन
हर पल आग सी
धधकती रहती है।

धरती के मन आँगन में
अरमानों का सैलाब दबा है,
सावनी घटाएँ मदमस्त होकर
बूंदों की पायल को
चहुं ओर खनकाती रहती हैं।

सीने से उठा बादल
कब बूंद बन कर बरस गया,
नयन नीर का मोती,
कब गालों से फिसल कर टूट गया,
कलम से निकली कहानी,
फिर भी अनजानी रहती है।



Saturday, July 6, 2013

Those moments are still alive



Some moments are animating
Like squirrel pair, 
Some moments are still exhaling,
Like wild flowers in the air,

Inexplicable laugh some time
Sulk another time,
Lay quietly all day,
Chit chat goes till night another time.

Those moments are still alive

When day couldn’t passed in time,
Night spend in flash of time.
Blonde moments fly like sandy breeze
Those moments are still alive
Like rain droplet falls in line.

Dewy dreams spotted here,
Like flashing stars sprinkled in sky,
Flowery hopes were
Bloomed those days,
Memories of those moments
Still suppressed there
Like glossy tears ubiquitously

Those moments are still alive……………