कुछ पल
बीते पलों को पीछे छोड़ कर,
गुजरे पलों का इतिहास बना कर,
कुछ नए पल ढूंढ कर लाएँ,
आज चलो, नए कुछ
पल सजाएँ।
पल जो बीता, वो माना
बीत गया,
अब होठों पर सजा एक गीत नया,
आँखों में बसा कुछ स्वप्न नए,
आज चलो, नए कुछ
पल सजाएँ।
बीते पलों ने कुछ आँसू दिये,
कुछ हंसी तो कुछ अरमान दिये,
सारे ख़ज़ाने से कुछ मोती बीन
लाएँ,
आज चलो, नए कुछ
पल सजाएँ।
अरमान नए, कुछ स्वप्न
नए,
जीवन-आकाश के इंद्र्धनुष नए,
होली से रंग, दीवाली
की चमक चुराएँ,
आज चलो, नए कुछ
पल सजाएँ।
नए दस्तखत, नए अल्फ़ाज़,
नयी ‘लेखनी’ की नयी
रोशनाई,
नयी दुनिया में पहचान नयी बनाने,
आज चलो, नए कुछ
पल सजाएँ।
No comments:
Post a Comment