Friday, August 24, 2012

ज़िंदगी .............



ज़िंदगी  की राह में...
फूलों की सेज़ ही नहीं,
काँटों का बाग भी है;
मन को सहलाने वाली,
ठंडी बयार ही नहीं ,
तन को जलाने वाली॰  
आग भी है।

इस राह में ......

क्षितिज पर मुस्काने वाला सपना ही नहीं,
हर मोड़ पर इंतज़ार करने वाला तीखा मोड़ भी है।
उम्र भर का साथ निभाने का वादा करके,
साथ झटकने वाले साथी हैं,
हमकदम बन कर हमदम बन जाएँ,
वो अंजान हमसफर भी हैं।

ज़िंदगी भर का गम देने वाले
पलों की कमी नहीं, तो
खुशियों से दामन भर दें,
जीवन के ऐसे खुशगवार पल भी हैं।

क्या कहूँ,
सम्पूर्ण होने का अहसास है,
तो कहीं, अधूरेपन की ख़लिश भी है।

शायद...... इसी का नाम
ज़िंदगी है.......


2 comments:

  1. Jindagi isi ka naam hai..jindagi ka bilkul sahi aur wastawik chitran ..Charu .. !


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