Tuesday, September 10, 2013

एक कोशिश..........




खो गए चेहरों को ढूँढने के लिये
धुंधली पड़ी आवाजों की
परतों पर से
की धूल हटाने के लिये
चलो एक कोशिश और करें

राह में चलते चलते
खो गए राहगीर जो
उन्हे फिर से एक
आवाज देने की कोशिश और करें

जुगनू से टिमटिमाते सपने
बनते बनते रेत की
लिखावट सी, मिट गए जो उन्हे,
चलो आज फिर से
सजाने की कोशिश और करें।

दुनिया की भीड़ में खो गए
जो रिश्ते नाते,
उलझ कर कहीं गुम न हो जाएँ
उन्हे फिर से सुलझा कर
मना लाने की एक कोशिश और करें।




1 comment:

  1. You are absolutely right,koshish karne walo ki haar nahi hoti,try try try.....

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