Tuesday, December 4, 2012

खामोशी की एक आवाज होती है




खामोश आँखों में कैद सपने,
आँसू बन कर बह जाते हैं
किसे फुर्सत है जो
सपनों को आंसुओं से
आजाद कर दे

सिले होठों की पुकार
थिरकती हंसी का गहना पहन
खामोशी से दफन हो जाती है
किसी फुर्सत है जो
अनसुनी पुकार को
फिर से आवाज दे दे।

मेहंदी लगी हथेलियाँ  
चूड़ियों की खनक में सज कर
शांत हो जाती हैं
किसे फुर्सत है जो
सो गए हाथों को
फिर से खनकना सीखा दे।

खामोश आवाजें
सदियाँ से अनसुनी रही हैं
किसे फुर्सत है जो
बंद दरवाजों को
फिर से खोल दे।








Saturday, October 13, 2012

ज़िंदगी का सफर...........




पल पल बदलते अहसासों के साथ जीना आसान नहीं
फिर भी चलना तो है,
पाँव नंगे हो  तो क्या,
धूप में फिर भी
झुलसती सड़क से गुजरना तो है ।

अपनों की, आशाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए
नवजात स्वप्न समय की गर्द में दफना दिये जाते हैं
होठों पर मुस्कान, आवाज में खनक लेकर
साथ चलते हुए कदमों का
हँसते हुए साथ देना तो है।

ज़िंदगी रोज एक नया इम्तिहान देती है,
हर पल एक नया सवाल खड़ा कर देती है,
किसी मोड पर रुकने का तो सवाल ही नहीं,
आगे जाने का भी रास्ता बंद कर देती है,                  
लेकिन,
हँसते हुए,थोड़ा रुकते हुए, नया सफर
शुरू करते हैं,,,,,,
क्यूंकी, चलना तो है ,,,,,,,
हमेशा चलना तो है.........



Saturday, September 29, 2012

ज़िंदगी के कुछ पल


 
गुजरा हुआ हर पल ,
अंजाना सा लगता है;
ज़िंदगी से भरा पैमाना जैसा ,
तो कभी
गम का कोई फसाना सा लगता है।

समय की गोद से निकल कर,
मुसकुराता हुआ एक पल ,
मुकम्मल जहां की खुशी दे जाता है ,
वहीं एक कोने से,दूसरा पल
ज़िंदगी को कड़वा मोड दे जाता है।
 
हमनशीन, हमनफ़्ज़, हमदर्द बनकर,
साथ चला तो कभी,
वक़्त की गर्द में खो गया ,
हसीन लेकिन दुखती रग बनकर।

कुछ जाने से कुछ अनजाने,
ये पल कब किसकी हैं माने।
बस आते हैं और बस जाते हैं
ज़िंदगी भर की  याद बन कर
‘कलम’ की ज़िंदगी बन कर।

Friday, August 24, 2012

ज़िंदगी .............



ज़िंदगी  की राह में...
फूलों की सेज़ ही नहीं,
काँटों का बाग भी है;
मन को सहलाने वाली,
ठंडी बयार ही नहीं ,
तन को जलाने वाली॰  
आग भी है।

इस राह में ......

क्षितिज पर मुस्काने वाला सपना ही नहीं,
हर मोड़ पर इंतज़ार करने वाला तीखा मोड़ भी है।
उम्र भर का साथ निभाने का वादा करके,
साथ झटकने वाले साथी हैं,
हमकदम बन कर हमदम बन जाएँ,
वो अंजान हमसफर भी हैं।

ज़िंदगी भर का गम देने वाले
पलों की कमी नहीं, तो
खुशियों से दामन भर दें,
जीवन के ऐसे खुशगवार पल भी हैं।

क्या कहूँ,
सम्पूर्ण होने का अहसास है,
तो कहीं, अधूरेपन की ख़लिश भी है।

शायद...... इसी का नाम
ज़िंदगी है.......


Friday, July 6, 2012

इंतज़ार नहीं




फूलों की महक को, सावन का इंतज़ार नहीं
कलियों की मुस्कान बूंदों की मोहताज नहीं
इन्द्र धनुष के रंग चारों ओर बिखरे हैं
खुशियों की आहट को दस्तक का इंतज़ार नहीं

अंधेरे की चादर घनी ही सही
सितारे फिर भी चमकते हैं
दिल में तूफानों का बसेरा है
मुस्कानों की कमी फिर भी नहीं

पथरीले रास्ते मोड लिए होते हैं,
फिसलन कदमों को रोक लेती है
राही फिर भी गिर कर उठ जाते हैं
अकेले चलने वालों को साथ का इंतज़ार नहीं।



Tuesday, July 3, 2012

बारिश की एक बूंद





आज़ाद गगन में टहलती,
काले घने बादलों से अचानक निकली,
नन्हें बच्चे से मचल कर फिसली,
बारिश की एक बूंद।

खुले आकाश में टहलती हुई,
इन्द्र धनुषी झूले में झूलती हुई,
सरर से धरती पर आ गिरि ,
बारिश की एक बूंद।

सपना बन कर कभी आँख में बसी,
अश्कों में ढल कर कभी होंठों पर रुकी,
खुशी में कभी बरबस निकल पड़ी,
बारिश की एक बूंद।

सूखी ज़मीन की प्यास बुझाती कभी,
सैलाब बन कर सब कुछ मिटाती कभी,
फिर भी......
नदी में मिल कर सागर में समा जाने के लिए,
बादलों से निकल पड़ी
बारिश की एक बूंद



Friday, June 8, 2012

ज़िंदगी जीने के लिए



हर पल एक जदोज़हद जारी है,
हर पल एक कोशिश जारी है,
ज़िंदगी जीने के लिए।

बहुत से सामान जुटाये जाते हैं,
हर पल एक नया सपना,
एक नया अरमान,
आँखों में उतर आता है
ज़िंदगी जीने के लिए....

अंजाना अनचीन्हा अनदेखा,
नवीन पल नवीन स्वपन सा
मुसकुराता हुआ
वक़्त के साथ हाथ पकड़ कर,
एक नया अहसास दे जाता है
ज़िंदगी जीने के लिए........

संजोना है, हमें हर सपने को
सम्हालना है हर अहसास,
होठों पर सजा कर मुस्कान को

इंतज़ार करना है फिर
एक नए पल नए स्वप्न का
नवीन पल के अहसास का
सफर यह जारी रखना है
ज़िंदगी जीने के लिए........



Thursday, March 29, 2012

I LOVE U








There's so much I want to say
Through words to tried to convey.
enceinte, words and colorful phrase                 
I tried to use, but all in vain.

Poems, lyrics, compositions too
I tried to write all that I feel.
But nothing beats these simple three words:
I Love You !

Tuesday, March 27, 2012

कीमत





हर शै की एक कीमत होती है
मुस्कान हो या ज़िंदगी
हर एक को
अपने अपने ढंग से
उसकी कीमत चुकानी पड़ती है

छोटी सी हंसी भी
आंसुओं के सैलाब 
को पार करके ही
लबों पर सजाई जाती है

गमों के सहरा से गुजर कर ही
एक पल की खुशी
हासिल होती है

ज़िंदगी भर हम ढूंढते हैं जिस
सुकून के पल को
उस पल की मंजिल भी
जीवन-क्षितिज की सीमा होती है






Saturday, February 11, 2012

कश्मकश


सही और गलत की कशमकश मैं उलझ कर
रह गया है हर रिश्ता
सही होते हुए भी गलत हो जाना
गलत को सही मान लेना
कभी मजबूरी है
कभी जरूरी

रिश्तों की गर्माहट
नजाकत
और सजावट
सही गलत की दायरे मैं
घूमती रहती है

इस पहेली को सुलझा पाना
सीधी सड़क पर आये
अचानक मोर जैसा है
चलते हुए कदम का
ठिठक कर रुक जाने जैसा है

फिर भी सब कोशिश करते हैं
हंसी का इनाम
तो कभी
आँसू का पैगाम
बदले मैं पा जाते हैं